बांग्लादेश सीमा तथा सदिया के बीच 891 कि.मी. की लंबाई वाली ब्रहमपुत्र नदी 01 सितम्बर, 1988 को राष्ट्रीय जलमार्ग सं. 2 (रा.ज.-2) घोषित की गई थी। भाअजप्रा इसकी नौचालनयता में सुधार करने के लिए जलमार्ग पर भाअजप्रा अधिनियम, 1985 (1985 का 82) में दिए अनुसार बहुत से विकासात्मक कार्य करता आ रहा है।
भाअजप्रा अधिनियम, 1985 के अनुसार, भाअजप्रा नौचालन हेतु जलमार्ग का विकास करने के लिए उत्तरदायी है। भाअजप्रा बंगलादेश सीमा से नीमाति (629 कि.मी.) में 2.5 मी. नीमाति से डिब्रुगढ़ (139 कि.मी.) में 2.0 मी. तथा डिब्रुगढ़ से सदियां (ओरियमघाट) प्रखंड में 1.5 मी. नौचालनीय गहराई अनुरक्षित करता आ रहा है। वर्तमान में, जलमार्ग का उपयोग असम सरकार, सीआईडब्ल्यूटीसी, सीमा सुरक्षा बल, पर्यटक संगठन तथा अन्य निजी प्रचालकों के जलयानों द्वारा किया जाता है। डिब्रूगढ़ के पास शिवसागर तथा जोगीघोपा के निकट मानस वन्य जीव सेंक्चुरी के बीच समुद्री यात्रा लंबे क्रुज पर्यटक जलयानों द्वारा नियमित रूप से की जाती है। समय-समय पर जलमार्ग के जरिए बड़े आकार के माल (ओडीसी) का भी आवागमन किया जाता है। सिलघाट से बज-बज (पश्चिम बंगाल) तथा बागमाड़ी (बांग्लादेश) के लिये इस जलमार्ग के जरिये पीओएल (पेट्रोलियम, ऑयल तथा लुब्रीकेंट्स) का आवागमन भी किया गया था ।