भाअजप्रा ने 2017 में "पूर्वोत्तर और पड़ोसी देशों के लिए सिलीगुड़ी गलियारे के माध्यम से गुजरने वाले माल की मॉडल शिफ्ट" विषय पर एक अध्ययन किया। अध्ययन के आधार पर, प्रति वर्ष 49 मिलियन मिट्रिक टन कार्गो उत्तर पूर्व क्षेत्र के बाहर - भीतर संचालित होता है और 30 मिलियन मिट्रिक टन कार्गो उत्तर-पूर्व क्षेत्र के भीतर संचालित होता है । उपरोक्त में से 8 मिलियन मिट्रिक टन कार्गो को अन्तर्देशीय जलमार्ग के जरिए प्रतिस्थापित करने की क्षमता है । रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 8 मिलियन मिट्रिक टन में से, उत्तर पूर्व के लिए जाने वाले 3 मिलियन मिट्रिक टन को आसानी से अंतर्देशीय जलमार्गों द्वारा भिजवाए जाने की ओर प्रतिस्थापित किया जा सकता है। शेष माल को जलमार्ग के जरिए भेजने हेतु प्रतिस्थापित किया जाना भाडा प्रोत्साहन राशि, अच्छी सेवा, राष्ट्रीय जलमार्ग- 2 पर पर्याप्त आधारभूत संरचना का विकास, राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के साथ प्रभावी जुडाव और नियामक हस्तक्षेप पर निर्भर है ।
राष्ट्रीय जलमार्ग-16 के द्वारा असम के निचले ग्रामीण इलाकों, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और नागालैंड के आंतरिक क्षेत्रों में पहुंचा जा सकेगा और बांग्लादेश को / से मुख्य वस्तुओं जैसे फ्लाई ऐश और खाद्यान्न ढुलाई के आयात - निर्यात की सुविधा उपलब्ध होगी ।