वर्ष 2016 के दौरान राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के द्वारा उत्तरी पूर्वी क्षेत्र के बीस (20) जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया था । इनमें एक मौजूदा (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) और 19 नए राष्ट्रीय जलमार्ग (संदर्भ अनुलग्नक-1) शामिल हैं। वर्ष 1988 में राष्ट्रीय जलमार्ग-2, अर्थात धुब्री (बांग्लादेश सीमा) और सदिया (असम) के बीच ब्रह्मपुत्र नदी को राष्ट्रीय जलमार्ग-2 के रूप में घोषित किया गया था। भाअजप्रा द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन अवसंरचना के विकास के लिए कई परियोजनाओं, जैसे कि फेयरवे टर्मिनलों और नौचालन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया गया है ।
कई परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है । उत्तर पूर्व भारत में नए 19 राष्ट्रीय जलमार्गों में से, बराक नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-16) को विकसित किया जा रहा है और शेष 18 राष्ट्रीय जलमार्गों पर व्यवहार्यता अध्ययन किया जा रहा है ।
ये राष्ट्रीय जलमार्ग एक साथ असम, नागालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के आंतरिक क्षेत्रों तक पहुंच प्रदान करते हैं साथ ही भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग के माध्यम से इन राज्यों को मुख्य भूमि भारत से जोड़ते हैं । ये उत्तर पूर्वी जलमार्ग पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, भूटान और एशियन देशों के साथ व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाने के मामले में भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं ।