फेयरवे विकास
मार्च, 2014 तक रा.ज.-2 में गहराई अनुरक्षित की गई थी तथा 2014-15 के दौरान भाअजप्रा द्वारा अनुरक्षित की जाने वाली गहराई सारणी रूप में नीचे दी गई है :
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2013-14 |
2014-15 |
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क्र.सं. |
प्रखंड |
अनुरक्षित गहराई (मी.) |
उन उथले स्थानों की संख्या जिन पर ध्यान दिया गया |
2012-13 हेतु लक्षित गहराई (मी.) |
प्रत्याशित उथले स्थानों की संख्या |
1 |
बांग्लादेश सीमा-पांडु (255 कि.मी.) |
2.5 |
10 |
2.5 |
20 |
2 |
पांडु-निमाती (374 कि.मी.) |
2.5 |
14 |
2.5 |
30 |
3 |
निमाती-डिब्रूगढ़ (139 कि.मी.) |
2.0 |
5 |
2.0 |
8 |
4 |
डिब्रूगढ़-ओरियमघाट (92 कि.मी.) |
1.5 |
7 |
1.5 |
11 |
मुख्य चैनल में प्रवाह को परिवर्तित करने के लिये बंडलिंग (बांसों तथा बांसों की चटाइयों के साथ परम्परागत तरीका तैयार किया गया) के जरिये उथले स्थानों (उथले क्षेत्रों) में ध्यान दिया जाता है। बांग्लदेश सीमा-पांडु प्रखंड में एक विभागीय कट्टर सक्शन ड्रेजर (सीएसडी) लगाना प्रस्तावित है तथा पांडु-निमाती प्रखंड में नदी संरक्षणीय कार्यों के साथ-साथ जलमार्ग की गहराई के अनुरक्षण हेतु 03 सीएसडी लगाना प्रस्तावित है।