पोत परिवहन मंत्रालय की केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत भारत के प्रत्येक उत्तर पूर्वी राज्य को अंर्तर्देशीय जलमार्ग के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100% वित्तीय सहायता दी जाती है। पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत स्वीकृति दिए जाने के पश्चात परियोजनाएं संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तैयार और निष्पादित की जाती हैं । केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत लागू की जाने वाली परियोजनाओं के लिए पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा बजट में हर साल फंड का प्रावधान किया जाता है ।
वर्तमान में केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस) के अंतर्गत निम्नलिखित परियोजनाएं लागू की जा रही हैं : -
- असम में ब्रह्मपुत्र नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) के 15 घाट तटों पर 17 मीटर लंबे 15 फ्लोटिंग टर्मिनलों का निर्माण
- असम में बराक नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-16) के 15 फेरी घाटों पर 17 मीटर लंबे 15 फ्लोटिंग टर्मिनलों का निर्माण
- असम में ब्रह्मपुत्र नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) के 25 घाट तटों पर 17 मीटर लंबे 25 फ्लोटिंग टर्मिनलों का निर्माण
- असम में ब्रह्मपुत्र नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-2) के 16 घाटों पर 25 मीटर लंबे 16 फ्लोटिंग टर्मिनलों का निर्माण
- मणिपुर की लोकतक झील में मणिपुर सरकार की "लोकतक अंतर्देशीय जल परिवहन परियोजना-2"
- मिजोरम की तुइचवांग / कर्नाफुली नदी में केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत अंतर्देशीय जल परिवहन परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट
त्रिपुरा की गुमटी नदी में अंतर्देशीय जल परिवहन का विकास इस उद्देश्य से कि बाद में उसे बांग्लादेश की मेघना नदी प्रणाली के साथ जोडा जा सके ।