अध्यक्ष के डेस्क से
भारत सरकार ने एकीकृत परिवहन नेटवर्क रणनीति के एक भाग के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। पोत परिवहन मंत्रालय की एक नोडल एजेंसी के रूप में भाअजप्रा द्वारा राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास और नियमन के लिए लगातार काम किया जा रहा है। भाअजप्रा का उद्देश्य अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) के माध्यम से देश में राष्ट्रीय जलमार्गों पर कार्गो परिवहन को वर्तमान 126.15 मिलियन टन को बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 200 मिलियन टन करना है।
सरकार ने देश में अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के तहत 111 (5 मौजूदा और 106 नए को शामिल करते हुए) राष्ट्रीय जलमार्ग (रा.ज.) घोषित किए। इन 111 जलमार्गों में से, रा.ज.-1, 2 और 3 प्रचालन में हैं। चरण-1 के तहत रा.ज.-4 पर विकास कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुए थे और रा.ज.-5 पर विकासात्मक गतिविधियों की शुरुआत की गई थी। नए राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए तैयार की गई तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के परिणामों के आधार पर तकनीकी रूप से व्यवहार्य राष्ट्रीय जलमार्गों पर सुरक्षित नौवहन और नौचालन के लिए तकनीकी हस्तक्षेप की योजना बनाई जा रही है। नव घोषित 106 राष्ट्रीय जलमार्गों में से 10 सबसे व्यवहार्य राष्ट्रीय जलमार्गों में विकास संबंधी गतिविधियां शुरू की गई हैं।
इसके अलावा, भाअजप्रा द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय सहायता से रुपए 5369.18 करोड़ की अनुमानित लागत पर राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (रा.ज.-1) पर गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली के हल्दिया-वाराणसी खंड पर नौवहन क्षमता संवर्धन के लिए जलमार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी) को कार्यान्वित किया जा रहा है।
एक विकसित अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) न केवल देश की समग्र परिवहन क्षमता में वृद्धि करेगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी लॉजिस्टिक लागत वाले परिवहन मोडल मिश्रण को सुधारकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी लॉजिस्टिक लागत के बोझ को कम करने में भी मदद करेगा। भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद का 15% है, यह संयुक्त राज्य अमेरिका का लगभग दोगुना है। संयुक्त राज्य अमेरिका में समग्र लॉजिस्टिक क्षेत्र में अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन की हिस्सेदारी 8.3%, यूरोप में (7%), चीन में (8.7%), जबकि भारत में यह लगभग 1.5% है। लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों की ओर मोडल शिफ्ट महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
भाअजप्रा ने हाल ही में इस ओर हो रही वृद्धि को देखा है। मैं भाअजप्रा क्षेत्र को विकसित करने में सभी कार्मिकों द्वारा किए गए प्रयासों और प्रतिबद्धता के दृष्टिगत उनके योगदान के लिए अपनी ओर से धन्यवाद और प्रशंसा व्यक्त करती हूं। मेरा यह प्रयास होगा कि संगठन को बड़ी उपलब्धियों की ओर बढ़ाया जाए और नई ऊंचाइयों की ओर ले जाया जाए।
जय हिंद
अध्यक्ष,