नाव्य जलपथ विकास
वर्तमान में, 2014-15 के दौरान लक्षित गहराई प्राप्त करने के लिये रा.ज.- 1 पर भाअजप्रा द्वारा अपने 8 कटर सक्शन ड्रेजर्स (सीएसडी), 01 जलीय सतह ड्रेजर (एचएसडी) तथा 01 एमफिबायन ड्रेजर लगाये गये हैं । इन ड्रजरों द्वारा 2013-14 में रा.ज.-1 के त्रिवेणी-चुनार प्रखंड में लगभग 12 लाख घन मी. ड्रेजिंग की गई थी । इसके अतिरिक्त, मुख्य चैनल में प्रवाह को मोड़ने के लिये 18400 मी. बंडलिंग कार्य (बांसों को तथा बांस की चटाइयों की अपरदन की परंपरागत कार्यविधि) रा.ज.-1 के इस प्रखंड में नाव्य जलपथ के विकास/रख-रखाव हेतु आयोजित किया गया था ।
रा.ज.-1 में मार्च, 2014 तक रखी गई तथा 2014-15 के दौरान भाअजप्रा द्वारा अनुरक्षित की जाने वाली न्यूनतम उपलब्ध गइराई (एलएडी) तालिका रूप में नीचे दी गई है :-
क्र.सं. | प्रखंड (कि.मी. में) | 2013-14 | 2014-15 | |
अनुरक्षित गहराई (मी. में) | लक्षित गहराई (मी. में)
| अनुमानित सोल्स की संख्या | ||
1 | हल्दिया (सागर)- फरक्का (560) | 2.8-3.0 | 3.0 | 15 |
2 | फरक्का-बाढ़ (400) | 2.1-2.5 | 2.5 | 60 |
3 | बाढ़-गाजीपुर (290) | 1.6-2.0 | 2.0 | 43 |
4 | गाजीपुर-चुनार/इलाहाबाद (370*) | 1.2-1.5 | 1.5 | 30 |
नोट: * गाजीपुर तथा इलाहाबाद के बीच कुल 370 कि.मी. प्रखंड में से केवल चुनार तक नदी संरक्षण कार्य (बंडलिंग/ड्रेजिंग) पर विचार किया गया है । चुनार-इलाहाबाद (198 कि.मी.) के प्रखंड में आर.सी. कार्य पर 2010-11 से विचार नहीं किया गया क्योंकि बिना ड्रेजिंग बंडलिंग पर्याप्त नहीं है । तथापि, ड्रेजिंग यूनिट की कमी के कारण ड्रेजिंग पर विचार नहीं किया गया है ।