नोट 1: नदियों / नहरों (रेखांकित) में से कुछ एक से अधिक राज्यों में हैं ।
नोट 2: राष्ट्रीय जलमार्ग-3 के अन्तर्गत पश्चिम तटीय नहर केरल में विस्तारित है ।
नोट 3: राष्ट्रीय जलमार्ग-4 के अन्तर्गत गोदावरी तेलंगाना और महाराष्ट्र में विस्तारित है ।
नोट 4: रा.ज.-4 के अन्तर्गत कृष्णा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में विस्तारित है ।
106 नए राष्ट्रीय जलमार्ग की स्थिति :
1. 106 नए राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास करने के लिए प्रारंभिक कार्यों के एक भाग के रूप में, भाअजप्रा ने उन्हें निम्न 3 श्रेणियों में रखा है ।
2. (ए) श्रेणी-I : इसमें 8 जलमार्ग हैं जिन्हें सबसे व्यवहार्य माना जाता है और इन्हें चरण -1 में विकास के लिए रखा जा सकता है । परामर्शानुसार इन जल मार्ग के लिए, ईपीसी टेन्डर डाकुमेंटस कान्ट्रेक्ट तैयार करने तथा पर्यावरणीय अध्ययन के लिए कार्य सौंपे गए हैं ।
2. (बी) श्रेणी-II : वह जलमार्ग जो तटीय क्षेत्रों में होते हैं और उनमें कुछ ज्वारीय प्रखंड आते हैं, को इस श्रेणी में रखकर विकास के लिए विचार किया जा रहा है । ऐसी तटीय नदियों और नहरों की संख्या 60 है (सुंदरबन की 14 नदियों को एक जलमार्ग माना जाता है और पश्चिम तटीय नहर के विस्तार को राष्ट्रीय जलमार्ग-3 में माना जाता है, इस प्रकार कुल 46 नए जलमार्ग होते हैं) । इन 60 नदियों को उनके भौगोलिक स्थानों के आधार पर 8 समूह (क्लस्टर) में विभाजित किया गया है ।
(i) सभी नदियों के लिए दो चरण में डीपीआर अध्ययन (चरण-1 में व्यवहार्यता अध्ययन और चरण-2 में, उक्त व्यवहार्यता अध्ययन के आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करना) का कार्य सौंपा गया ।
चरण-1 की व्यवहार्यता रिपोर्ट के आधार पर, 24 राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए दूसरे चरण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को तैयार करने का कार्य पहले से ही दिया जा चुका है।
2. (सी) श्रेणी-III : शेष जलमार्ग जो दूरदराज के दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में हैं उनको इस श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है । इन 54 नदियों / नहरों (कृष्णा और गोदावरी नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग-4 के विस्तार के रूप में शामिल किया गया है, इस तरह 106 जल मार्गों की सूची में 52 नए जल मार्ग प्रभावी हैं ) को विभिन्न समूहों में उप-विभाजित किया गया है और शुरुआत में इन सभी जलमार्गों के लिए केवल व्यवहार्यता अध्ययन कार्य सौंपा गया है।
(i) व्यवहार्यता रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है । इन रिपोर्टों के नतीजे के आधार पर विकास कार्यों की योजना बनाई जाएगी ।