हाइड्रोग्राफी अनुप्रयुक्त विज्ञान की एक शाखा है जिसमें महासागरों, सागरों, तटीय क्षेत्रों, झीलों और नदियों की माप और भौतिक विशेषताओं के विवरण के साथ इनमें समय के साथ होने वाले परिवर्तन की भविष्यवाणियों के लिए जो कि मुख्यत: नौचालन की सुरक्षा के उद्देश्य से हैं तथा आर्थिक विकास, सुरक्षा और रक्षा, वैज्ञानिक अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण सहित अन्य सभी सामुद्रिक गतिविधियों के समर्थन में अध्ययन किया जाता है । जल-सर्वेक्षण संबंधी माप-तोल में ज्वारीय, धारा प्रवाह और तरंगों की सूचनाएं शामिल हैं । इसमें निचले तल विशेषकर समुद्री भौगोलिक विशेषताओं जैसे - चट्टानों, शॉल्स, जलभित्तियों और दूसरी विशेषताओं की मापतोल का अध्ययन किया जाता है, जो जहाजों के मार्ग में बाधा होते हैं और उनसे नौचालन के लिए खतरा है । तलहटी के मापतोल में नीचे की प्रकृति का संग्रहण भी शामिल है क्योंकि यह जलयानों के प्रभावी एंकरिंग के लिए आवश्यक है । समुद्र विज्ञान के विपरीत, हाइड्रोग्राफी में किनारे की विशेषताओं चाहे वह प्राकृतिक हो या मानव निर्मित, प्रकाश स्तम्भ भी शामिल हैं जिनसे जहाजों की स्थिति को स्थिर करने में सहायता मिलती है, साथ ही इसमें समुद्र और समुद्र तल के भौतिक पहलु भी शामिल होते हैं । जलधाराओं के हाइड्रोग्राफी में धारा तल, प्रवाह, पानी की गुणवत्ता और आसपास की भूमि संबंधी जानकारी का अध्ययन शामिल है । बेसिन या आंतरिक हाइड्रोग्राफी नदियों और पीने योग्य पानी पर विशेष ध्यान देती है, यद्यपि यह एकत्रित डाटा जहाजों के नौचालन उपयोगों के लिए नहीं है, इसका उपयोग वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए किया जाता है । नदीयों और सागर में नौचालन, नौचालन संबंधी चार्ट की मदद से किया जाता है और हाइड्रोग्राफी वह विज्ञान है जो नौचालन संबंधी चार्ट के संकलन के लिए सभी आवश्यक डेटा उपलब्ध करवाता है । भाअजप्रा का हाइड्रोग्राफी विभाग 111 राष्ट्रीय जलमार्गों के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की व्यवहारिकता का अध्ययन कर रहा है। आधुनिक जगत में हाइड्रोग्राफी कार्य को सटीकता के साथ और समय पर पूरा करने के लिए अधिकांश नवीनतम तकनीकी पर निर्भर है । भाअजप्रा का हाइड्रोग्राफिक विभाग नवीनतम उपकरणों का प्रयोग करते हुए नवीनतम तकनीक के साथ जुडा हुआ है । सुरक्षित सामुद्रिक नौचालन के लिए हर पन्द्रह दिन में बाथमेट्रिक सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है और न्यूनतम उपलब्ध गहराई तथा नदी संबंधी सूचनाओं को भारतीय अन्तर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण द्वारा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है ।
हाइड्रोग्राफिक विभाग विभिन्न स्थानों से प्राप्त सभी हाइड्रोग्राफिक डाटा के गुणवत्ता नियंत्रण और गुणवत्ता आश्वासन को बनाए रखता है । हाइड्रोग्राफिक विभाग ड्रेजि़ंग कार्य, ड्रेजि़ंग मात्रा की गणना और चैनल डिज़ाइनिंग नौचालन बोया और नदी सूचना प्रणाली के लिए सभी आवश्यक सहायता भी प्रदान कर रहा है । हाइड्रोग्राफिक विभाग नदी प्रशिक्षण की योजना बनाने और इस हेतु उथले पानी के डाटा का विश्लेषण भी कर रहा है ।
मानचित्रकारी
कार्टोग्राफी एक जटिल एवं एक सतत बदलते रहने वाला क्षेत्र है, लेकिन इसके केंद्र में नक्शा बनाने की प्रक्रिया है । व्यापक अर्थ में देखा जाए तो इस प्रक्रिया में आंकडों को एकत्रित करना, उनका मूल्यांकन करना और प्रसंस्करण करते हुए नक्शे का रेखाचित्र बनाना उसका बुद्धिमत्तापूर्वक डिजाइन करना और उसके माध्यम से दस्तावेज़ को अंतिम रूप देकर पुन: प्रस्तुत करना सहित सब कुछ शामिल है । इस प्रकार, यह विज्ञान, कला और प्रौद्योगिकी का एक अद्वितीय मिश्रण है । भाअजप्रा के कार्टोग्राफी विभाग के पास (क) नौचालन संबंधी चार्ट (ख) नदी नौचालन एटलस और (ग) राष्ट्रीय जलमार्ग-1, राष्ट्रीय जलमार्ग -2, राष्ट्रीय जलमार्ग -3 और सुंदरबन जलमार्ग की नदी मार्गदर्शिकाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक नौचालन चार्ट नौचालन की सुरक्षा और इस प्रकार पृथ्वी के प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिए काफी प्रभावी है । कार्टोग्राफिक अनुभाग नवीनतम जीआईएस और चार्टिंग सॉफ्टवेयर से सुसज्जित है । 111 राष्ट्रीय जलमार्गों के चार्टों को ध्यान में रखते हुए कार्टोग्राफी अनुभाग को नवीनतम डेटाबेस साधनों और ईएनसी के उत्पादन के लिए नवीनतम सॉफ्टवेयर के साथ समुन्नत किया जा रहा है ।